दूध प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का एक मात्रा प्राकर्तिक स्रोत है। जबकि कई लोग स्किम दूध का विकल्प चुनते हैं, यह मानते हुए कि यह स्वास्थ्यवर्धक है। हाल के शोध से संकेत मिलता है कि पूर्ण फैट वाला दूध भी स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा नहीं कर सकता है। आहार संबंधी दिशानिर्देश लोगों को पूरे दूध के बजाय मलाई रहित या कम वसा वाले दूध का चयन करने की सलाह देते हैं।
हालांकि नए शोध इस सलाह को प्रश्न के रूप में कहते हैं। वे यह भी सुझाव देते हुए कि दूध में पाया जाने वाला सैचुरेटेड फैट हृदय रोग का कारण नहीं बन सकते है। आज का हमारा यह लेख तीन प्रकार के दूध एवं उनके पोषण संबंधी तथ्यों का गहराई से जाँच-पड़ताल करता है। यह विभिन्न प्रकार के गाय के दूध के स्वास्थ्य लाभ तथा होने वाले संभावित जोखिमों एवं उनके पीछे की गयी शोध पर भी विस्तार से विश्लेषण करता है।
गाय का दूध के प्रकार तथा उनके पोषण संबंधी जानकारी
अमूमम डेरी पर मिलने वाला दूध अपनी फैट सामग्री के अनुसार तीन मुख्य प्रकार के दूध बेचते हैं:-
- पूरा दूध 3.25% फैट के साथ
- कम फैट वाला दूध 1% फैट के साथ
- स्किम या फैट मुक्त दूध 0% फैट के साथ
विभिन्न प्रकार के दूध प्रति 250 ग्राम गिलास पोषक तत्वों का विवरण निम्नलिखित है।
Nutrients | Whole milk | Low fat milk | Skim milk |
Calories | 152 | 106 | 83.6 |
Protein | 8.14 g | 8.32 g | 8.44 g |
Fat | 7.97 g | 2.34 g | 0.19 g |
Carbohydrates | 11.5 g | 12.7 g | 12.1 g |
Saturated fat | 4.63 g | 1.4 g | 0.12 g |
Calcium | 306 mg | 310 mg | 325 mg |
Vitamin D | 2.39 mcg | 2.61 mcg | 2.71 mcg |
Vitamin A | 79.7 mcg | 143 mcg | 157 mcg |
Iodine | 94.4 mcg | 89.1 mcg | 87.8 mcg |
दूध में मौजूद फैट हमारे शरीर को फैट में घुलनशील विटामिन जैसे ए, ई तथा डी को अवशोषित (अब्सॉर्ब) करने में मदद करता है। जब दूध के अतिरिक्त फैट में घुलने वाले विटामिन्स को सम्मिलित किया जाता है, तो वह फैट की मात्रा को हटाने में मदद करता है एवं इसके साथ ही इन पोषक तत्वों को बढ़ावा मिलता है।
कुछ निर्माता अपने दूध में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी मिलाते हैं। एक 2019 में की गयी शोध इस बात की तरह इंगित करता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। जो दूध में प्राकर्तिक रूप में कम मात्रा में होता है। इसकी वजह जो दी गयी वह यह है कि जिस प्रकार के पशु आहार उनको खाने के लिए दिए जाते है, उसके कारण गाये उनको ओमेगा-3 फैटी एसिड में नहीं बदल पाती है।
किस प्रकार का दूध सेहत के लिए स्वास्थ्यप्रद है?
हम भारतीयों के लिए स्वस्थ्य आहार में दी गयी दिशानिर्देश वाली सलाह आम तौर पर लोगों को पूरा दूध पीने के बजाय फैट रहित या कम फैट वाले दूध का चयन करने के लिए प्रेरित करती हैं। यह दृष्टिकोण एक व्यक्ति की सैचुरेटेड फैट का सेवन प्रतिदिन 10% से कम कैलोरी रखने तथा पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए है।
ऊपर दी गई तालिका से विभिन्न प्रकार के दूध में नॉनफैट पोषण संबंधी प्रोफाइल समान हैं। चूंकि निर्माता दूध में विटामिन ए व विटामिन डी मिलाते हैं। इसलिए कम या नॉनफैट संस्करण वाले दूध का सेवन करने वाले लोग आमतौर पर इन पोषक तत्वों को लेने से नहीं चूकते। जो लोग अपना वजन को मध्यम श्रेणी में रखना या बनाए रखना चाहते हैं। उनके लिए स्किम या कम फैट वाला दूध चुनना एक बुद्धिमान विकल्प हो सकता है, क्योंकि इनमें कम मात्रा में कैलोरी होती है।
दूध के स्वास्थ्य के प्रति लाभ व आवश्यक पोषक तत्व:-
दूध कई आवश्यक पोषक तत्वों का स्रोत है जिनमें शामिल हैं:
- प्रोटीन, फैट तथा कार्बोहाइड्रेट
- कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, पोटेशियम, फास्फोरस, आयोडीन तथा सेलेनियम सहित खनिज
- विटामिन ए, बी6, बी12, डी, एवं विटामिन के
मलाई निकाला दूध का एक कप में 325 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। जोकि एक वयस्क व्यक्ति की आवश्यकता का लगभग एक तिहाई कैल्शियम की जरुरत 1,000 मिलीग्राम को पूरा करता है। दूध में मिलने वाला प्रोटीन कैसिइन व छाछ में उच्च सघनता वाली अमीनो एसिड की श्रृंखला है।
जो हमारे शरीर की मांसपेशी संश्लेषण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दूध के अंदर पोलिसटुरटेड फैटी एसिड होता है। जो सूजन तथा हृदय रोग से शरीर का बचाव करता है। उन स्वास्थ्य विषयों के बारे में गहराई से जानें, जिनकी आप सबसे अधिक परवाह करते हैं। हमेशा की भांति जुड़े रहे हमारे ब्लॉग सेहतमंद स्वास्थ्य के फिटनेस टिप्स के नियमित आने वाली पोस्ट्स से।
जोखिम:
दूध के बारे में आम चिंताओं में से एक पूरे दूध में मिलने वाली फैट की मात्रा है। आजकल की जीवन शैली लोगों को वर्तमान में पूरे दूध के बजाय कम फैट वाले या स्किम दूध का सेवन करने की सलाह देती है। हालांकि, एक 2018 के शोध के अनुसार यह एक प्रकार की लिपिड परिकल्पना है जोकि सैचुरेटेड फैट वाले आहार एवं शरीर के भीतर कोलेस्ट्रॉल का बढ़ाने के कारण हृदय रोग का खतरा काफी हद तक बढ़ा देती है।
दूध के सेवन का एक अन्य संभावित जोखिम लैक्टोज असहिष्णुता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कुछ लोगों के निम्नलिखित समूहों में लैक्टोज असहिष्णुता पाया जाना सबसे आम है:
- एशियाई अमेरिकी
- अफ्रीकी अमेरिकियों
- मैक्सिकन अमेरिकी
- अमेरिका के मूल निवासी
लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोग लैक्टोज, दूध में मिलने वाली एक प्रकार की चीनी को पचाने में असमर्थ होते हैं। नतीजतन, स्थिति सूजन, गैस या दस्त का कारण बन सकती है। लैक्टोज असहिष्णुता वाले व्यक्ति लैक्टोज मुक्त डेयरी या पौधे आधारित दूध जैसे ओट या बादाम दूध का उपभोग कर सकते हैं। हालाँकि आहार संबंधी दिशानिर्देश यह सलाह देते हैं कि 12 महीने से कम उम्र के शिशु मानव दूध या शिशु फार्मूला को बदलने के लिए गाय के दूध का सेवन नहीं करते हैं। हाँ वे 1 साल की उम्र के बाद से पूरा दूध पी सकते हैं।
सारांश:-
दूध एक पोषक तत्व से भरपूर भोजन है जो प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का उपयुक्त स्रोत प्रदान करता है। हालांकि वर्तमान जीवन शैली की सलाह लोगों को स्किम्ड या कम वसा वाले दूध का चयन करने की सलाह देती है, हाल के शोध से संकेत मिलता है कि पूरा दूध हृदय रोग का खतरा नहीं बढ़ाता है। हृदय रोग में सैचुरेटेड फैट वाले आहार तथा कोलेस्ट्रॉल के योगदान के बारे में विवाद चलता रहता है।
निर्णायक सबूत के बिना, किसी के वजन, शरीर संरचना लक्ष्यों और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति तथा जोखिमों के अनुसार किसी एक तरह का दूध चुनना एक समझदार दृष्टिकोण हो सकता है। अपने वजन का प्रबंधन करने वाले या पुरानी बीमारियों के जोखिम वाले लोग अपने सैचुरेटेड फैट का सेवन सीमित कर सकते है। इसके साथ ही अधिक संपूर्ण खाद्य पदार्थों व पौधों आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। उन्हें इस दृष्टिकोण को नियमित शारीरिक गतिविधि के साथ भी जोड़ना चाहिए।
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