क्या आप जानते है कि कुछ खाद्य पदार्थ हमारी हड्डियों की सेहत को बढ़िया बनाते है वोह भी बिना किसी सप्लीमेंट लिए हुए? फिर भी व्यापक रूप में हमारे द्वारा ले जाने वाली डाइट और जीवन शैली इसमें बहुत बढ़ा योगदान देते है। यह हमारे हाथ में निर्भर करता है कि हम डाइट व जीवन शैली को किस प्रकार से स्वस्थ्य व सेहतमंद रख सकते है।
एक स्वस्थ्य जीवन शैली को अपनाकर जिसमें नियमित व्यायाम, अल्कोहल व धूम्रपान से लम्बी दूरी एवं हैल्थी खानपान के द्वारा हम ऑस्टियोपोरोसिस को बहुत हद तक कम कर सकते है। कुछ लोग जो ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होते है। उनकी हड्डियाँ अपने टिश्यू को खो देती है तथा जरुरत के मुताबिक उनका निर्माण नहीं कर पाती है।
जिसके कारण उन लोगों की हड्डियाँ नाजुक व भुरभुरी होने लगती है। परिणाम स्वरुप उनके फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। वैसे देखा जाए तो कुछ कारण जिनकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस होने का अंदेशा बढ़ जाता है। उनमें थोड़ा वंशानुगत तथा थोड़ा-सा शरीर के अंदर होर्मोनेस के स्तर में बदलाव पर भी निर्भर करता है।
पोषक तत्व जिनकी हमें सख्त अवश्यकता होती है-
हड्डीयों से जुडी सेहत का ध्यान आते ही हमारे दिमाग में कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों की लिस्ट बन जाती है। यह जरूर है कि कैल्शियम हड्डियों के लिए जरुरी तत्व है। लेकिन केवल कैल्शियम अकेला ही नहीं वह पोषक तत्व है, जिसकी हमारे शरीर को अवश्यकता होती है। कैल्शियम के इलावा भी कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो हड्डियों को मजबूत व स्वस्थ्य बनाते है।
- विटामिन डी
- फॉस्फोरस
- मैग्नीशियम
- बोरोन
- विटामिन सी
- कॉपर
- जिंक
- प्रोटीन
खाद्य पदार्थ जो हड्डियों को स्वस्थ्य रखने में हमारी मदद करते है-
हमारे द्वारा हड्डियों को सुरक्षित रखने के किया गए सक्रिय प्रयत्नों के इलावा कुछ खाने की चीजे भी है। जो ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी को दूर रखने में हमारी सहायक बन सकती है। इस पोस्ट में हम उन्ही चुनी हुई 8 विभिन्न प्रकार के खाने की चीजों के बारे में बताएँगे जो ऑस्टियोपोरोसिस से हमें बचा सकती है।
(1) ताज़ा संतरे का रस
यह हम सभी अच्छी तरह से जानते है कि संतरे का रस में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो की कार्टिलेज बनाने में सहायक होता है। इसके विपरीत इसमें कुदरती तौर पर मिलने वाले पोषक तत्व होते है, जो हड्डियों के लिए परम आवश्यक माने जाते है। केवल एक गिलास संतरे के रस से आप जरुरी पोटैशियम मिलता है, जोकि हड्डियों के प्राकर्तिक घनत्व को बढ़ता है।
इसके साथ ही मैग्नीशियम भी शरीर के भीतर पहुँचता है जो हड्डी के विकास तथा मजबूती के लिए निहायत ही जरुरी है। एक किये गए शोध के अनुसार संतरे के रस को पीने से उनमें मिलने वाले करोटेनोइड आगे चल कर हड्डीयों के लिए अच्छे ही साबित हुए है। पूर्ण रूप से 100 फीसदी संतरे का रस जिसमे निर्धारित मात्रा में कैल्शियम एवं विटामिन डी होने पर हमारी हड्डीयों के लिए बहुत सहारा बन सकता है।
(2) करोंदा / क्रैनबेरी
क्रैनबेरी प्राकर्तिक रूप में मिलने वाला विटामिन सी का प्रमुख स्त्रोत है जोकि हमारे शरीर को चाहिए होता है कोलेजन को बनाने के लिए बोन मैट्रिक्स के लिए। पूर्व में किये अध्यन इस बात को सही ठहराते है की प्राकर्तिक रूप में मिलने वाला पॉलीफेनोल्स जो हमें पौधों सम्बन्धी खाद्य पदार्थो से मिलता है जैसे की बेरीज, हड्डीयों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हुए है।
एक प्रकार का क्रैनबेरी पॉलीफेनोल्स जिसको proanthocyanidins कहते है हड्डियों के विकार को काफी हद तक कम कर सकता है। इसमें एक जरुरी कड़ी भी सही साबित हुई है जिसमे ज्यादा क्रैनबेरी या करोंदे का उपभोग करने पर ज्यादा हड्डियों के ऊतकों के निर्माण होना।
(3) शुद्ध स्वाभाविक जैतून का तेल
किसी भी बनाये गए व्यंजन के ऊपर जैतून का तेल डालकर ना केवल आप उस व्यंजन का स्वाद बढ़ा रहे है बल्कि यह आपकी हड्डियों की सेहत के लिए बढ़िया है। जैतून और जैतून के तेल में पॉलीफेनोल्स खासकर Oleuropein, Tyrosol और Hydroxytyrosol मिलते है जो बोन्स के तंदुरुस्ती के लिए फायदेमंद होते है।
एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने अपने खाने में शुद्ध स्वाभाविक जैतून का तेल का उपभोग कम से कम 50 मिली लीटर प्रति दिन किया उनमें हड्डियों के निर्माण में ज्यादा गति आयी बनिस्पत उन लोगों के जिन्होंने अपने खाने में कम फैट वाले डाइट को लिया। इसी प्रकार से बड़ी हुई बोन डेंसिटी देखी गयी जिन्होंने अपने खाने में ज्यादा शुद्ध स्वाभाविक जैतून का तेल को शामिल किया।
(4) दूध
कैल्शियम एक जरुरी हड्डियों के बनाने व मजबूती प्रदान करने वाला संघटक है जो एक गिलास दूध में भरपूर मात्रा में हमें मिलता है। इसके इलावा प्राकर्तिक रूप में इसमें अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते है जो हड्डियों की मजबूती के लिए जिम्मेदार माने जाते है। जिनमें विटामिन डी, मैग्नीशियम तथा फॉस्फोरस शामिल है।
डेरी पदार्थों का सेवन करने से भविष्य में ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग होने के अंदेशा को दूर रख सकते है तथा हड्डियों की होने वाली क्षति को रोक सकते है। सभी जरुरी मिनरल्स और विटामिन्स के इलावा दूध में प्राकर्तिक लैक्टोस होता है जो हमारे शरीर के अंदर कैल्शियम को सोखने की क्रिया को बढ़ता है। डेरी के दूध में 8 ग्राम प्रोटीन प्रति हिस्सा होता है जो बोन्स की सम्पूर्ण सेहत को सुधरता है।
(5) एवोकैडो
एवोकैडो को ब्राउन ब्रेड, सलाद या फिर बॉईल किये गए अंडों के साथ लेने से यह आपकी बोन्स की सेहत में अनुकूल सुधार लाता है। एवोकैडो का जिक्र हम इसलिए कर रहे है क्योकि इसमें बोरोन जो हड्डियों के लिए परम आवश्यक है व हमें प्राकर्तिक रूप में मिलता है।
बोरोन हमारे द्वारा लिए जाने वाले मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्व को शरीर के अंदर सोखने का मदद करता है। इसके साथ ही यह हड्डी में विटामिन डी के स्तर को बढ़ता है। आधा कटोरी कच्चे एवोकैडो से हमें 1.07 मिलीग्राम बोरोन मिलता है। जो इससे मिलने वाले इस नुट्रिएंट्स का सबसे बढ़िया एवं अच्छा स्त्रोत माना जाता है।
(6) टमाटर
एक एंटीऑक्सीडेंट जो लाल रंग के खाद्य पदार्थो जैसे टमाटर, तरबूज़, पपीता, गाजर व अमरुद में पाया जाता है। हड्डीयों की होने वाली क्षति को काफी हद तक कम करने में सफल हुआ है। इस एंटीऑक्सीडेंट को लाइकोपेन के नाम से जाना जाता है। यही इन खाद्य पदार्थो के रंग के लिए भी जिम्मेदार होता है। एक शोध के अनुसार शरीर के अंदर लाइकोपेन का बढ़ा हुआ स्तर को अपेक्षाकृत कम अस्थि क्षति से जोड़ा गया है।
(7) मशरुम
अधिकतर खाने योग्य सभी प्रकार के मशरूम में विटामिन डी मिलता है। बिलकुल इंसानो की तरह मशरूम भी प्राकर्तिक रूप में विटामिन डी का उत्पादन करते है, जब भी सूरज के सामने रहते है। विटामिन डी के साथ ही मशरुम में कॉपर एक बुनियादी पोषक तत्व भी हमें मिलता है। जो हड्डीयों के स्वास्थ्य से सीधा जुड़ा है।
शरीर के अंदर कॉपर के स्तर को जानने के लिए किये जाने वाले टेस्ट सीरम कॉपर के स्तर को भी बोन डेंसिटी से जोड़ा गया है। अगर टेस्ट में कॉपर का स्तर निर्धारित स्तर से कम होता है, तो वह हमारे शरीर के भीतर हड्डियों के घनत्व को भी कम कर सकता है। जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस होने का अंदेशा बढ़ जाता है।
(8) आलूबुखारा
आलूबुखारा को हमारी आंत के सेहतमंद स्वास्थ्य की बखूबियों से जोड़ा गया है। इसके साथ ही आलूबुखारा हमारे अस्थिपंजर के ढांचे को भी पूरी तरह से सहारा देने में समर्थ माने जाते है। इनमें प्राकर्तिक तौर पर मिलने वाला फेनोलिक कंपाउंड पाया जाता है, जो हड्डीयों के स्वास्थ्य को लेकर सकारत्मक भूमिका निभाता है।
एक शोध के अनुसार भी एहि बात सिद्ध होती है कि जिन लोगों ने आलूबुखारा खाये उनकी हड्डीयों के निर्माण में गति आयी एवं इसके साथ ही अस्थि का विघटन होना कम हुआ था। इस तरह के एक और रिसर्च में यह बात सही पायी गयी कि जिन पुरुषों ने साल भर तक 100 ग्राम आलूबुखारे रोज खाये उनकी अस्थि का घनत्व औरों के मुकाबले काफी अधिक बढ़ा था।
खाद्य पदार्थ जिनको एक सीमा तक ही खाना चाहिए –
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते है जो हड्डियों के स्वास्थ्य को लेकर अच्छा व सेहतमंद नहीं होते है। यह इसलिए क्योकि वे शरीर के द्वारा कैल्शियम को सोखने की क्षमता को कम करते है। यह भी हो सकता है की कुछ खाने की चीजे शरीर में जमी हुई कैल्शियम के स्तर को ही कम करने लग जाते है।
अतः हम कुछ ऐसी ही चीजों का जिक्र कर रहे है जिन्हें एक मात्रा से ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योकि यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होते है।
- खाद्य पदार्थ जिनमें नमक की मात्रा ज्यादा होता है:- जैसे नमकीन आदि।
- पालक और अन्य सब्जियाँ जिनमें नमक का स्तर जरुरत से ज्यादा होता है।
- अत्याधिक शराब, बियर
- कोला आधारित सॉफ्ट ड्रिंक
तो यह थे वे 8 खाद्य पदार्थ जिनको आप अपने डाइट में शामिल करके अपनी हड्डियों की सेहत को स्वस्थ्य रख सकते है।
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