तिल को हम इंग्लिश में Sesame के नाम से जाना जाता है। तिल में प्रोटीन, फाइबर और सेहतमंद वसा (फैट) बहुतायत में पाया जाता है। इसके साथ ही तिल से हमें कैल्शियम, विटामिन B, विटामिन E और एंटीऑक्सिडेंट्स भी मिलते है।
तिल को लोग विभिन्न प्रकार से उपयोग में लाते है, जैसे कुछ लोग साबुत तिल को अपने पसंदीदा व्यंजन को पकाते समय डालते है तो कुछ लोग तिल के तेल में अपना खाना पकाते है। इस पोस्ट में हम तिल के सेहतमंद गुणों व उसके साथ ही सेहत को नुख्सान पहुंचाने वाली बातों के बारे में चर्चा करेंगे और यह भी बताएँगे की तिल को किस तरह अपने खाने में शामिल कर सकते है।
प्रोटीन
तिल प्राकर्तिक रूप में मिलते वाले प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत है। एक चम्मच तिल में 1.60 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन हमारी हड्डियों, मासपेशियों और ऊतकों को सेहतमंद रखने में सहायता करता है। इसके साथ ही यह सम्पूर्ण शरीर के विकास में अहम् भूमिका निभाता है।
कैल्शियम
तिल में कैल्शियम भी प्रचुरता में मिलता है। एक चम्मच तिल में 87.80 मिली ग्राम कैल्शियम पाया जाता है। आमतौर पर किसी भी वयस्क व्यक्ति के लिए 1000 मिली ग्राम कैल्शियम जरुरी बताया जाता है। 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं और 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों के लिए 1200 मिली ग्राम कैल्शियम स्वस्थ्य रहने के लिए जरुरी होता है।
जबकि 14-18 वर्ष के लोगों के लिए 1300 मिली ग्राम कैल्शियम शरीर के विकास व तंदुरुस्ती के लिए नितांत जरुरी होता है। कैल्शियम एक जरुरी पोषक तत्व है जो हमारी सेहत और उसके सुचारु रूप से कार्य करने के लिए अनिवार्य होता है। जिनमें मासपेशियाँ, होर्मोनेस, रक्त कोशिकाएं, नसों और सेल शामिल है।
विटामिन्स B
तिल के बीज में विटामिन बी अच्छी मात्रा में मिलता है। 100 ग्राम तिल से हमें नीचे दिए गए पोषक तत्व प्राप्त होते है। –
- Thiamine – 0.791 mg
- Riboflavin – 0.247 mg
- Niacin – 4.515 mg
- Pantothenic acid- 0.050 mg
- Vitamin B6 – 0.790 mg
- Folate – 97 micrograms
जैसा की हमारा शरीर काफी सारे विटामिन बी को अपने अंदर सहेज कर नहीं रख पाता है, इसलिए हमें अपनी डाइट में विटामिन बी को लेना आवश्यक बन जाता है। B विटामिन्स हमारे शरीर के सेल्स के विकास और लाल रक्त कणों के निर्माण में बहुत जरुरी होते है।
विटामिन E
तिल में विटामिन E नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है जो सेल्स के टूटने या फिर उसको हानि पहुंचने से बचता है। यह नुक्सान हमारे द्वारा खाया गया खाने से ऊर्जा बनाने के दौरान या फिर बाहरी हानिकारक चीजों के संपर्क में आने से होने वाली क्षति के रूप में होता है। यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और रक्त कोशिकाओं के अंदर रक्त के प्रवाह को गति देता है तथा रक्त कोशिकाओं के अंदर बनने वाले थक्कों को जमने से रोकता है।
रक्तचाप
तिल में कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है जो रक्तचाप को कम करता है व रक्त कोशिकाओं की सेहत को तंदुरुस्त रखता है। रक्तचाप को सामान्य रखकर तिल भविष्य में होने वाले ह्रदय रोगों से शरीर की रक्षा भी करता है।
सेहतमंद ह्रदय
तिल में अच्छी किस्म का monounsaturated और polyunsaturated फैट मिलता है जो हमारे ह्रदय को स्वस्थ्य और तंदुरुस्त रखता है। सीमित मात्रा में मिलने वाला फैट ह्रदय सम्बन्धी रोगों से बचता है जिनमे स्ट्रोक भी शामिल है। यह हानिकारक वसा को रक्त कोशिकाओं के अंदर बढ़ने और उनकी सतह पर जमने नहीं देता है।
एंटीऑक्सिडेंट्स
एक शोध के अनुसार तिल और तिल के तेल में तनाव को झेलने का सकारात्मक प्रभाव देखा जाता है जो शरीर के अंदर जरुरी एंटीऑक्सिडेंट्स को बड़ा देता है। तिल में phenolic नाम का रासायनिक योगिक पदार्थ जैसे lignans पाए जाते है जिनमें एंटीऑक्सिडेंट्स वाले गुण होते है। phenolics ह्रदय संबधी रोगों और कैंसर को दूर रखते है।
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