गर्दन के दर्द को दूर करने वाले 5 योगासान

जैसा हम सभी जानते है कि आजकल की तेजी से भागती हुई जिन्दगी का हरपल साथ देने के लिए हम अपना दिल, दिमाग और भावनाएँ सब कुछ उसके साथ लगा देते है और इसी भागदौड़ में हम अपने लिए ढेर सारी चिंता और तनाव को अपने ऊपर ओढ़ ले लेते है। हमारे शरीर द्वारा बाहरी तनाव को झेलने वाला एकमात्र अंग गर्दन ही होता है।
इस अंग द्वारा अधिक तनाव झेलने के कारण इसकी मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है जो आगे चलकर गर्दन का दर्द का रूप ले लेता है।

 

गर्दन के दर्द को दूर करने वाली 5 योगा आसान

 

आज हम अपने इस पोस्ट में गर्दन के दर्द को योगा आसान द्वारा ठीक करने पर चर्चा करेंगे। हम चर्चा करेंगे उन 5 योग आसनों की जिनको करने से अक्सर या फिर कभी कभार होने वाले गर्दन के दर्द को ठीक कर सकते है। यह योग आसान करने में अत्यंत सरल और जल्दी असर करने वाले है जिनको अपनाकर आप अपनी रोज की दिनचर्या के सभी काम बिना किसी बाधा के पूरा कर सकते है।

ये आसान आपकी गर्दन की माशपेशियों को अंदर से मजबूत करते है और उनको ताकत देते है। तो आईये शुरू करते है- 

 

1.      बालासन या Child Pose:-  इस आसन को आराम की मुद्रा में बैठकर किया जाता है। इस योग में गर्दन कीमूवमेंट के अनुसार श्वास लेना और छोड़ना चाहिए। इस आसन को करने से हमारी गर्दन संबंधित कई परेशानियाँ दूर हो जाती है। इसको करने से हमारा शारीरिक तनाव के साथ साथ मानसिक तनाव भी कम हो जाता है। बालासन योग मुद्रा का अभ्यास करने से गर्दन और पीठ के दर्द से निजाद मिलती है| इस आसन को करने के लिए सबसे पहले फर्श पर घुटने के बल बैठ जाएँ।

इसके पश्चात सिर को ज़मीन से लगाएं| फिर अपने हाथों को सिर से लगाकर आगे की ओर सीधा रखें और आपकी हथेलिया जमीं से छूती हुई होना चाहिए| अब अपने हिप्स को ऐड़ियों की ओर ले जाते हुए बहार की और सांस छोड़े। इस अवस्था में कम से 15 सेकेण्ड से 1 मिनट तक रहें। यह आसन का अभ्यास आपके कूल्हों, जांघों और पिंडलियों को लचीला भी बनाता है| यह आपके मन को शांत भी करता है। यह आसन जिनके पीठ या फिर घुटनों में चोट लगी हो, गर्भवती स्त्री और जिनको लूज़ मोशन की शिकायत हो नहीं करना चाहिए।

2.      नटराज आसन या Reclining Twist:- अपनी पीठ को सीधे रखते हुए ज़मीन पर लेट जाएँ। धीरे से अपने सीधे पैर को उठा कर बाएँ पैर के उपर ले आएँ। बायां पैर सीधा ही रखें। ध्यान रहे कि दाहिना पैर ज़मीन पर एक सीधा कोण बनाए। अपने दोनों हाथों को शरीर के दाहिने और बाएँ तरफ फैला कर रखें। चेहरे को दाहिनी तरफ मोड़ लें। कुछ गहरी लंबी श्वास लें और छोड़ें और इसी मुद्रा में तीस सेकंड्स तक स्थिर रहें। बाएँ पैर से इसी आसन की पुनरावृति करें।
यह आपकी मांसपेशियों को तो लचीला बनाती ही है साथ ही आपको पूर्णता और आनंद का अहसास कराती है। यह शिव के नृत्य की मुद्राहै। शिव तत्व को अपने भीतर व चारों ओर महसूस करो। यह आसन गर्भवती स्त्री को नहीं करना चाहिए।
3.      मार्जरि आसन या Cat Stretch:-  यह आसन हमारी पीठ की हड्डी को लचीला बनता है साथ ही कलाई व कंधों को मजबूत बनता है। इसके साथ ही हमारे पाचन तंत्र की मालिश भी करता है जिससे हमारा पाचनक्रिया सुधरती है। दिमाग को आराम देता है और शरीर के अंदर रक्त संचार को बेहेतर बनता है। बारी बारी से सांस छोड़ें और अपनी रीढ़ की हड्डी को कूबड़ की तरह गोल करते हुए अपने सिर को नीचे ले जाएँ। धीरे से अपने थोडी को अपनी गर्दन से लगा दें।
इन दोनो मुद्राओं गौ मुद्रा और कैट मुद्रा को श्वास लेते हुए और छोड़ते हुए, बारी बारी से करें। इसको करने से आपकी मेरुदण्ड और पेट की एक हल्की सी मालिश होगी वो भी बिना पैसे खर्च किए। साथ ही आपको गर्दन के दर्द से छुटकारा भी मिल जाएगा।
4.     विपरीत कर्णी आसन या Legs Up The Wall Pose:- इस आसन के द्वारा हल्के फुल्के पीठ दर्द में बहुत ही आराम मिलता है। इस आसन को करने के लिए दीवार का सहारा लेकर अपने पैरों को ऊपर की ओर किया जाता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और टांगो को दीवार का सहारा देते हुए अपने पैरों को छत की ओर ले जाएं अपनी बांहों को फैलाकर शरीर के दोनों तरफ जमीन पर रख दें। आपकी हथेली आकाश की तरफ खुली हुई होनी चाहिए।
कुछ देर तक इस मुद्रा में रहें और फिर गहरी सांस लें और छोड़ दें। इस योग को करने से आपको मालिश की तरह फायदा मिलता है और आपकी सारी थकान को दूर कर पैरों की जकड़न-ऐंठन को दूर करता है। यह योग आसन आपकी गर्दन के पिछले हिस्से को सहजता से मालिश देता है।
5.    उत्थिता त्रिकोण आसन या Extended Triangle Pose:-सर्वप्रथम सीधे खड़े हो जाएँ। अब अपने पैरों को जितना फैला सकें, फैला दें। अपनी पीठ को सीधे रखते हुए अपनी दोनों बाहों को बगल में फैला कर रखें। एक श्वास भरें और धीरे से अपने दाहिनी ओर झुक जाएँ। आप का दाहिना हाथ आप के घुटनों को स्पर्श करे और बायां हाथ उपर की दिशा में हो। इस मुद्रा में रहते हुए अपने बाएँ हाथ की तरफ देखते रहें। इसी मुद्रा में जब तक रह सकें, रहें।
ध्यान रखें कि आप अपनी क्षमता के अनुसार ही यह आसन करें क्योकि योग का मूल उद्देश्य आपको दर्द से मुक्ति दिलाना है, दर्द देना नहीं। यह आसन जिनके सिर में दर्द हो, जिसका ब्लड प्रेशर कम हो या फिर दिल की बीमारी हो ऐसे व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए।
यह थे वे 5 योग आसन जिनकी मदद से आप अपने गर्दन के दर्द को हमेशा के लिए अलविदा कह सकते है। इन्हीं आसनों को वीडियो की मदद से देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो के लिंक को क्लिक करे और शेयर करे। इस पोस्ट के बारे में अपने विचार, कमेंट और सुझाव हमें आप कमेंट बॉक्स में लिख कर या फिर हमारे ईमेल पर भेज कर भी दे सकते है।