डायबिटीज एक प्रकार की दीर्घकालिक बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति का शरीर में बनने वाली शुगर को सही तरीके से संसाधित नहीं कर पता है। यह वह शुगर है जो हमारे शरीर के अंदर खाना खाने के दौरान जाती है और फिर जिसको शरीर ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करता है।
खाना खाने के बाद जब शरीर के अंदर खाना शुगर के रूप में बदलता है तो यही बड़ा हुआ शुगर का स्तर जो ह्रदय की धमनियों पर दबाव डालता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ता है और धमनियों के क्षतिग्रस्त होने की आकांशा बढ़ जाती है। डायबिटीज में खान-पान पर नियंत्रण रखकर ही हम डायबिटीज को काबू में रख सकते है क्योकि इसी वजह से हम ब्लड शुगर के स्तर को बनाये रख सकते है बिना किसी बड़ी परेशानी का सामना किये हुए।
सही और संतुलित आहार के द्वारा ही डायबिटीज को नियंत्रण में रखा जा सकता है। अनुभवी डॉक्टर्स की सलाह के अनुसार सही मात्रा में फाइबर युक्त कार्बोहायड्रेट वाला भोजन जिसमें मोटा अनाज, फल और हरी सब्जियाँ लेना मुख्य है। भोजन में फाइबर की मौजूदगी शरीर के अंदर ब्लड शुगर के लेवल को सही रूप में बनाना में मदद करता है व खाने के बाद में शुगर के स्तर को बढ़ने नहीं देता है। बिना चर्बी वाले प्रोटीन पदार्थ व unsaturated चर्बी वाला खाना ज्यादा खाने से शरीर के अंदर इन्सुलिन का बनना और उसका शुगर के लेवल को बनाये रखने में सहायता करता है।
1. फलियाँ
फलियों के अंदर मिलने वाले दो महत्वपूर्ण अवयवों के वजह से यह डायबिटीज के रोगियों के लिए सबसे अच्छा खाद्य पदार्थ बनता है वो है पहला- फाइबर और दूसरा- प्रोटीन। हमारा शरीर दोनों चीजें फाइबर और प्रोटीन को धीमी गति से पचा पाती है। जिसके कारण शरीर के अंदर शुगर का लेवल बढ़ने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। उदाहरण के लिए सेम की फली और राजमा डायबिटीज में फायदेमंद रहती है।
रिसर्च क्या कहती है?
2012 में हुई एक रिसर्च यह बताती है कि फलियाँ और दालें खाने वाले टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों का ब्लड शुगर लेवल बहुत हद तक नियंत्रण में आया था और जिसके कारण उनको ह्रदय सम्बन्धी रोग होने का खतरा कम हुआ था।
2. हरी पत्तियाँ वाली सब्जियाँ
पत्तागोभी इसमें सबसे अच्छा विकल्प है डायबिटीज के रोगियों के लिए। हरी पत्तियाँ वाली सब्जियाँ जैसे पालक और पत्तागोभी में विटामिन-c व एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते है जो सूजन, जलन को कम करते है। बहुत सारे केस में सूजन व जलन थोड़ी देर तक ही होती है लेकिन डायबिटीज के रोगियों में यह परेशानी खड़ा करने वाली साबित हो सकती है।
जिसके कारण ह्रदय रोग और किडनी से जुडी परेशानियाँ बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, पत्तागोभी या बंदगोभी खाने से किसी को भी टाइप-2 डायबिटीज होने का अंदेशा कम किया जा सकता है।
रिसर्च क्या कहती है?
2010 में हुई शोध यह बताती है कि एक कप से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाने से टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को 14% तक कम कर देती है।
3. फैटी या चर्बी वाली मछली
salmon जोकि एक प्रकार की मछली की प्रजाति है। उसमें ह्रदय की सेहत के लिए फायदेमंद ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड एक प्रकार का unsaturated फैट होता है जो हमारे ह्रदय की सेहत को बेहतर बनता है और सूजन को कम करता है। मछलियाँ प्रोटीन पाने का सबसे अच्छा स्त्रोत मानी जाती है।
रिसर्च क्या कहती है?
2017 में एक छोटे समूह पर की गयी शोध यह बताती है कि फैटी फिश खाने से शरीर के अंदर का ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
4. फल
नाश्ते में दही के साथ केला लेने से डायबिटीज के रोगियों को डायबिटीज की बीमारी में आराम मिलता है। जैसा की हम जानते है फलों से हमें प्राकर्तिक रूप में मीठा और कार्बोहाइड्रेट्स मिलते है। जिसके कारण यह एक गलत धारणा बनती है की डायबिटीज के रोगियों को फल नहीं खाने चाहिए। वही फलों में प्रोटीन और मिनरल्स की मात्रा उनको एक बढ़िया और सुरक्षित स्त्रोत बनाती है।
स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट anthocyanin पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और ब्लड शुगर के लेवल को भी सुधरता है। ब्लूबेरी भी डायबिटीज में कम पसद की जाती है क्योकि यह शुगर का स्तर बढाती है लेकिन इसका लो glycemic index और हाई फाइबर मात्रा डायबिटीज की बीमारी में अच्छी मानी जाती है। उदाहरण के लिए कुछ फल जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, केला, संतरा और अंगूर जैसो को डायबिटीज में लेने की सलाह दी जाती है।
5. नट्स
नट्स सेहतमंद चर्बी पाने का अच्छा स्त्रोत माने जाते है जिसमें मैग्नीशियम और फाइबर पाये जाते है। कुछ अन्य प्रकार के नट्स और बीज जैसे अखरोट व अलसी के बीज ओमेगा-2 फैटी एसिड में भरपूर होते है।
रिसर्च क्या कहती है?
2017 में हुई एक शोध यह बताती है की बार बार विभिन्न प्रकार की नट्स खाने से कोलेस्ट्रॉल व ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रहता है। नट्स जैसे अखरोट, बादाम, पिस्ता व पहाड़ी बादाम डायबिटीज में फायदेमंद साबित होते है।
6. साबुत अनाज
कुछ प्रकार के साबुत अनाज जैसे गेहूँ, जौ, बाजरा व ब्राउन राइस प्राथमिकता वाले अनाज में आते है क्योकि इनमें फाइबर की मात्रा अच्छा तादाद में होती है। इन साबुत अनाज में विटामिन-B, मैग्नीशियम, आयरन और folate बहुतायत में मिलता है।
रिसर्च क्या कहती है?
2016 में हुई शोध यह बताती है साबुत अनाज से भरपूर आहार ह्रदय सबंधी बीमारियों और डायबिटीज से शरीर की रक्षा करते है और इन बीमारियों के होने के खतरे को कम करने में सहायक होते है।
खाने की चीजे जिनको टालना चाहिए या फिर नहीं खाना चाहिए:
1. मीठी चीजे – मीठे पेय पदार्थ जैसे सोडा, कोल्ड ड्रिंक शरीर के अंदर ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ा सकते है।
2. वाइट ब्रेड, पास्ता और चावल – यह हमारे खून में शुगर के लेवल को हानिकारक स्थिति में पंहुचा सकते है।
3. संसाधित किया गया खाना – जैसे बाजार में मिलने वाले फ्रोजेन की हुई खाने की चीजें, पैक्ड चीजे शरीर में शुगर और नमक की मात्रा को बढ़ाते है। जिसके कारण सूजन और जलन की परेशानी होना स्वाभाविक हो जाती है।
अंदुरुनी बात
कुछ खाने की चीजे जैसे साबुत अनाज, फैटी फिश, नट्स और फलियाँ डायबिटीज की बीमारी में शुगर के लेवल को संतुलित बनाये रखने में सहायक साबित हो सकती है। इसलिए आपको इनका ज्यादा उपभोग करना चाहिए लेकिन यही आहार कुछ अन्य डायबिटिक पेशेंट्स के लिए सही साबित नहीं हो सकते है। इसके लिए डायबिटीज के विशेषज्ञ या फिर रजिस्टर्ड डायटीशियन की सलाह सबसे उत्तम साबित हो सकती है, व्यक्ति विशेष के केस में। अतः डायबिटीज के रोगी विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही अपना आहार निर्धारित करे।
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