सर्दियों का मौसम अपने साथ बहुत सारी स्वास्थ्य सबंधी चिंताएं लाता है, जिनमें से सर्दी खाँसी से पीड़ित होना सबसे ज्यादा कष्ट देने वालों में से एक है। लगातार खांसी न केवल असुविधा पहुँचती है बल्कि यह आपके गले के रास्ते को अवरुद्ध करती है जिसकी वजह से खाना निगलने में तकलीफ होती है। मौसम में आने वाले बदलावों के इलावा कुछ लोगों को फूलो के परागकणों या प्रदूषण से भी इस सर्दी की समस्या से गुजरना पड़ता है।
किसी के लिए यह वाकई में परेशान कर देने वाला अनुभव होता है कि आप दिन भर खाँसते रहे, जबकि यह आपके के बिलकुल सही होता है क्योकि यह प्रक्रिया अंदर जमे हुए बलगम, परागकणों और प्रदूषण करने वाले कणो को हवा के रास्ते बाहर निकाल देता है। सर्दी-खाँसी अमूमन अपने आप ही चली जाती है कुछ दिनों के बाद। हाँ ज्यादा तकलीफ होने के कारण कुछ बेहतरीन चुने हुए नीचे बताई गयी 10 घरेलू औषधियां को भी आप अब आजमा कर तुरंत आराम पा सकते है।
1. शहद
शहद एक प्रकार का प्राकृतिक घरेलू इलाज है जिसके सेहतमंद स्वास्थ्य के गुणों को आधुनिक विज्ञान के सबूतों ने साबित किया है। एक शोध के अनुसार सर्दी खांसी में शहद अधिक आराम व राहत पहुँचता है बनिस्पत किसी भी अन्य दवाई के। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स, एंटी-माइक्रोबियल तत्व और सूजन को दूर करने वाली विषेशताएँ सर्दी खाँसी में ख़राब गले को तुरन्त आराम व राहत देते है। यह सभी उम्र के व्यक्तियों, जिनमे स्त्री और पुरुष शामिल है के लिए असरकारक है।
निर्देश – 2 चम्मच शहद हर्बल चाय या फिर गर्म पानी के साथ मिला कर ले सकते है। ज्यादा जल्दी राहत पाने के लिए इसको दिन में दो बार लेवे।
2. लहसुन
कुछ लोगों को इसकी दुर्गन्ध के कारण इसे खाने में परहेज करते है, लेकिन विश्वास करे यह आपकी रसोई में मिलने वाला सबसे सेहतमंद खाद्य पदार्थ है। लहसुन में मौजूद योगिक पदार्थ कि वजह से इसमें एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-इन्फ्लैमटॉरी गुण होते है। रोज कुछ लहसुन की कलियाँ खाने से आपके शरीर का कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है इसके साथ ही यह रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिसको इम्युनिटी भी कहते है।
निर्देश – लहसुन की कलियों के टुकड़ों को सेक ले और रात में एक चम्मच शहद के साथ ले। इसी प्रकार आप कुछ लहसुन की कलियों को देसी घी का तड़का लगा कर अपने खाने के साथ जैसे दाल या फिर किसी सब्जी में ले सकते है। यह आपको सर्दी और पाचन सम्बंधित परेशानियों से आराम दिलाएगा।
3. अदरक
यह एक सुपरफूड है जो बहुत सी सेहत से जुडी परेशानियाँ जैसे सर्दी, जी मिचलाना, फ्लू और खाँसी में आराम देता है। इसकी एंटी इन्फ्लैमटॉरी खूबी के कारण यह खाँसी को कम करने के साथ-साथ नाक को खोलती है जिसकी वजह से साँस लेना में परेशानी बहुत हद तक कम हो जाती है। सन 2013 में की गयी शोध के अनुसार Gingerol, जो की एक योगिक पदार्थ है जो नाक के अंदर के एयर पैसेज के संवेदशीलता को दबा देता है जिसकी वजह से अस्थमा और सर्दी जैसी बीमारी के लक्षण पैदा होने लगते है।
निर्देश– हल्का गुनगुना अदरक की चाय पीने से या फिर अदरक का रस शहद में मिलकर साथ ही काली मिर्च का पाउडर ऊपर से डालकर पीना सर्दी को दूर भगाने के लिए सबसे नंबर 1 उपाय है। यहाँ यह बात ध्यान में देने की यह है की बहुत अधिक मात्रा में अदरक खाने से आपका पेट ख़राब हो सकता है या फिर सीने में जलन महसूस हो सकती है।
4. अन्नानास
इसमें मिलने वाले एक एंजाइम “ब्रोमेलैन” जो सर्दी को दूर करने में बहुत मदद करता है। काफी सारे शोध पत्रों से यह साबित हुआ है कि ब्रोमेलैन खाँसी को दबाता है और गले में जमे हुए बलगम को बाहर निकलने में सहायता करता है। अन्नानास साइनोसाइटिस में आराम देता है और साथ ही एलर्जी से जुड़े साइनस वाली स्थिति जो आगे चल कर खाँसी का रूप लेती है को काफी हद तक रोकता है। यह जलन और सूजन को कम करने में भी असरकारक है।
निर्देश– जब आप खांसी से पीड़ित हो तब एक कली अन्नानास की या फिर 1 पाव (250 ml) ताज़ा अन्नानास का रस दिन में दो बार लेने से अच्छा आराम मिलता है। ध्यान रहे कि अन्नानास का रस या कली अधिक ठन्डे न हो। साथ ही जूस में चीनी के स्थान पर थोड़ा सा शहद मिठास के लिए मिला सकते है।
5. हल्दी
हल्दी एक प्रकार का सामान्य मसाले का रूप है जो सभी भारतीयों के किचन में मिलता है, जो अपनी औषधि वाले गुणों के लिए जानी जाती है। करक्यूमिन इस हल्दी का नायक जैसा है जो अपने एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। इस पीले रंग वाले मसाले का इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए होता आ रहा है।
निर्देश– 1/4 चम्मच हल्दी का पाउडर गुनगुने पानी या फिर दूध में मिलकर रात में सोने से पहले पिए। तुरंत आराम मिलेगा।
6. नमक के पानी के गरारे
गरारे करना सबसे अच्छी घरेलू उपचार है जिसको डॉक्टर्स तक भी करने की सलाह देते है जब भी गाला ख़राब होता है। नमक का पानी Osmotic होता है, Osmotic का सीधा सा मतलब यह है वह किसी भी तरल पदार्थ के बहाने की दिशा को बदल देता है। यह आपके चुभन वाले गले के दर्द में जादू के समान कार्य करता है, फेफड़ों में जमा बलगम को कम करता है और नाक को खोलता है जिसकी वजह से आपको फ़ौरन राहत मिलती है। यह सूजन और खराश कम करने में बहुत हद तक मदद करता है।
निर्देश– 1/4 चम्मच नमक को गुनगुने पानी में मिलकर गरारे करने से बहुत आराम मिलता है व इस प्रक्रिया को एक दिन में ज्यादा से ज्यादा बार करने से चैन मिलता है।
7. पुदीना
ताज़गी देने वाले पुदीना की पत्तियों एक योगिक पदार्थ “Menthol” होता है जो उन सभी गले की अंदुरुनी नसों को सुन्न कर देती है जो लगातार खाँसी की वजह से परेशानी पैदा करती है। इसके साथ ही Menthol गले को ठंडक भी पहुँचता है। यह जमे हुए बलगम को बाहर निकलने और छाती की जकड़न से भी आराम दिलाता है, जिसकी सर्दी खाँसी में राहत मिलती है।
निर्देश– पुदीने की चाय को दिन में 2 से 3 बार लेने से सर्दी में जल्दी सुकून मिलता है। इसके साथ ही आप पुदीने का तेल को सूंघ कर बंद नाक खोल कर चैन की साँस ले सकते है।
8. गर्म पानी की भाप
सर्दी में सबसे जल्दी आराम और राहत देने वाला एकमात्र बरसों से आजमाया हुआ निदान है गर्म पानी की भाप लेना, जिससे बंद नाक और गाला तुरंत खुल जाते है। गर्म पानी की भाप लेने से वाष्प कणों नाक के रास्ते अंदर जाते है और जमे हुए बलगम को शरीर के बाहर निकाल कर बंद नाक – छाती की जकड़न में फ़ौरन राहत पहुंचते है।
निदेश – गरम पानी का भगोना लेकर उसमें कुछ बूंदे Eucalyptus के तेल की डाल कर, उसके ऊपर अपनी गर्दन को झुका कर एक बड़ी टॉवल से पूरे को अच्छी तरह से कवर कर ले। गरम पानी से निकलने वाली भाप को जितना अधिक हो सके गहरी साँस लेकर अंदर ले, यह प्रक्रिया 5 से 10 मिनट्स तक करे। आखिर में चाहे तो गुनगुना पानी पी लेवे जिससे आसानी से जमी हुई बलगम बाहर निकल जाएगी।
9. Eucalyptus तेल
आवश्यक Eucalyptus का तेल ना केवल सर्दी जुखाम में तुरंत फायदा पहुंचाते है बल्कि सीने में जमी हुई बलगम को बाहर निकाल कर शाँति व आराम पहुंचाते है। Eucalyptus के जरुरी तेल में मिलने वाले दो महत्वपूर्ण पदार्थ Eucalyptol और Cineole होते है जोकि हमें बाजार में मिलने वाली Vapor Rub या Chest Rubs की दवाई में मिलते है व जिन्हे हम आप सीने पर लगा कर छाती की जकड़न को दूर करते है। इसके इलावा Eucalyptus का तेल जलन, दर्द और माँसपेशियों के तनाव को भी दूर करता है।
निर्देश– Eucalyptus तेल की कुछ बूंदे किसी अन्य तेल जैसे नारियल या जैतून के तेल में मिलाकर गले के बाहरी भाग में और छाती पर लगाने से सर्दी जुखाम में फौरी राहत पहुँचती है।
10. मुलेठी
मुलेठी डाली गरम चाय भी पीने से गले की चुभन और परेशानियों में बहुत ज्यादा कारगर मानी जाती है। आप चाहे तो बाजार में उपलब्ध मुलेठी पाउडर या फिर मुलेठी की जड़ों को भी इस्तेमाल कर सकते है। मुलेठी आयुर्वेदिक दवा के रूप में भी काम में ली जाती है।
निर्देश– एक चम्मच मुलेठी पाउडर को 250 ml पानी में डाल कर 10 मिनट उबाल ले और फिर उसे गुनगुना ही पीये जिससे तकलीफ में जल्दी आराम मिलता है। मुलेठी की जड़ें भी फायदा करती है लेकिन इनका ज्यादा समय तक लेने से उच्च रक्तचाप, महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होना, थकान, सिर दर्द जैसी अन्य बीमारियाँ जन्म ले सकती है।
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